Harsh Mander is an Indian author, columnist, researcher, teacher, and social activist who works with survivors of mass violence and hunger, as well as homeless persons and street children. He is the Director of the Centre for Equity Studies, a research organisation based in New Delhi.
1.How does an activist spend his day during lockdown?
2.What are Human Rights and why do we need it?
3.Accountability structure of Human Rights
4.Why Human Rights are only limited to Liberal Democracies?
5.Is Human Rights considered a Liberal ideological agenda?
6.How do you rate India in championing Human Rights?
7.Why is Human Rights not an acceptable discussion in Indian Society?
8.Human Rights and Terrorists
9.Discussion on Centre for Equity Studies and India exclusion report
10.Questions from listeners
हर्ष मंदर एक भारतीय लेखक, स्तंभकार, शोधकर्ता, शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो सामूहिक हिंसा और भूख से बचे, साथ ही बेघर व्यक्तियों और सड़क पर रहने वाले बच्चों के साथ काम करते हैं। वह नई दिल्ली स्थित एक अनुसंधान संगठन सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज के निदेशक हैं।
1. तालाबंदी के दौरान एक कार्यकर्ता अपना दिन कैसे व्यतीत करता है?
2. मानव अधिकार क्या हैं और हमें इसकी आवश्यकता क्यों है?
3. मानवाधिकार की जवाबदेही संरचना
4. मानवाधिकार केवल लिबरल डेमोक्रेसी तक ही सीमित क्यों हैं?
5. क्या मानव अधिकारों को एक उदार वैचारिक एजेंडा माना जाता है?
6. मानवाधिकार की प्रतिस्पर्धा में आप भारत को किस तरह से दर करते हैं?
7. भारतीय समाज में मानवाधिकार एक स्वीकार्य चर्चा क्यों नहीं है?
8. मानवाधिकार और आतंकवादी
9. सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज और भारत बहिष्करण रिपोर्ट पर चर्चा
10. श्रोताओं से प्रश्न